मुंबई, 7 जुलाई। बॉलीवुड अभिनेता सिद्धार्थ मल्होत्रा ने कारगिल युद्ध के नायक कैप्टन विक्रम बत्रा को उनकी शहादत के दिन याद किया।
कैप्टन बत्रा ने 1999 में कारगिल युद्ध के दौरान देश की रक्षा में अपने प्राणों की आहुति दी थी। उन्हें 'ये दिल मांगे मोर!' जैसे प्रेरणादायक नारे के लिए भी जाना जाता है।
सोमवार को, सिद्धार्थ ने अपने इंस्टाग्राम पर एक तस्वीर साझा की, जिसमें कैप्टन बत्रा पहाड़ियों पर खड़े होकर कैमरे के लिए पोज दे रहे हैं।
इस तस्वीर के साथ सिद्धार्थ ने लिखा, "कैप्टन विक्रम बत्रा, आपकी कहानी आज भी हमें प्रेरित करती है। आपने हमें सच्ची ताकत का अर्थ समझाया। आज मैं उस दिन को याद कर रहा हूं, जब आपने देश के लिए अपने प्राणों की बलि दी थी। आपका बलिदान कभी नहीं भुलाया जाएगा।"
सिद्धार्थ ने 2021 में आई फिल्म 'शेरशाह' में कैप्टन बत्रा का किरदार निभाया था, जो उनके जीवन पर आधारित है। इस फिल्म का निर्देशन विष्णुवर्धन ने किया था और कहानी संदीप श्रीवास्तव ने लिखी थी।
फिल्म में सिद्धार्थ की पत्नी कियारा आडवाणी भी मुख्य भूमिका में थीं।
कैप्टन विक्रम बत्रा ने जून 1996 में देहरादून के इंडियन मिलिट्री अकादमी (आईएमए) में दाखिला लिया था। वह मानेकशॉ बटालियन में शामिल हुए, जो भारत के युद्ध नायक सैम मानेकशॉ के नाम पर है। उन्होंने यहां लगभग 19 महीने की ट्रेनिंग पूरी की और 6 दिसंबर 1997 को आईएमए से ग्रेजुएट हुए। इसके बाद उन्हें इंडियन आर्मी में लेफ्टिनेंट की रैंक मिली।
कारगिल युद्ध के दौरान 7 जुलाई 1999 को कैप्टन विक्रम बत्रा वीरगति को प्राप्त हुए। उनकी बहादुरी के लिए उन्हें मरणोपरांत 'परम वीर चक्र' से सम्मानित किया गया। वह जम्मू-कश्मीर के कारगिल के एरिया लेज, पॉइंट 4875 के पास पाकिस्तानी सैनिकों के खिलाफ लड़ते हुए शहीद हो गए थे।
You may also like
Amarnath Yatra : 24000 श्रद्धालुओं ने किए बाबा अमरनाथ के दर्शन, कुल तीर्थयात्रियों की संख्या बढ़कर 93341 हुई
क्या यही प्यार है... युवक युवती ने एक दूजे का हाथ पकड़ा और फिर उठा लिया चौंकाने वाला कदम
उद्धव ठाकरे ने निशिकांत दुबे पर किया कटाक्ष, बोले- ऐसे 'लकड़बग्घे' सद्भाव बिगाड़ने की कोशिश कर रहे
क्या हैं 'आंखों की गुस्ताखियां' के गाने जो दिल को छू लेते हैं? जानें फिल्म की राइटर मानसी बागला की राय!
क्या है खुशी भारद्वाज का अनुभव 'क्रिमिनल जस्टिस' में पंकज त्रिपाठी के साथ?